
गोवा के अरपोरा नाइट क्लब में लगी भीषण आग ने पूरे देश को झकझोर दिया। हादसे में 25 लोगों की मौत की आधिकारिक सूची सामने आ चुकी है। इनमें नेपाल, दिल्ली, उत्तराखंड, झारखंड, यूपी, महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक, वेस्ट बंगाल और दार्जिलिंग के लोग शामिल हैं।
एक ट्रेंडी पार्टी नाइट, कुछ ही मिनटों में नेशनल ट्रैजेडी बन गई—और सोशल मीडिया पर #GoaFire ट्रेंड करने लगा।
कौन-कौन थे 25 मृतक? राज्यों के हिसाब से लिस्ट
नयी जारी लिस्ट के अनुसार—
- नेपाल: 4 लोग
- दिल्ली: 4 लोग
- उत्तराखंड: 5 लोग
- उत्तरप्रदेश: 2 लोग
- झारखंड: 3 लोग
- महाराष्ट्र: 2 लोग
- असम: 2 लोग
- कर्नाटक: 1
- वेस्ट बंगाल: 1
- दार्जिलिंग: 1
यह साफ दिखाता है कि हादसे का प्रभाव सिर्फ गोवा तक सीमित नहीं रहा—यह पूरे देश का बड़ा दर्द बन गया है।
उत्तराखंड के CM Dhami की फुर्ती—सीधे Goa CM को फोन
जैसे ही इनपुट आया कि मृतकों में उत्तराखंड के 5 लोग शामिल हो सकते हैं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर न करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को कॉल किया। फोन पर उन्होंने दो बातें साफ कही— पहचान की प्रक्रिया तेज की जाए। और अगर कोई उत्तराखंड का हो, तो परिवारों से तुरंत संपर्क कर सहायता दी जाए।
कह सकते हैं—“सिस्टम ऑन पेपर नहीं, एक्शन मोड में दिखा!”
Goa CM Sawant का भरोसा—‘सभी को फुल सपोर्ट मिलेगा’
गोवा सीएम सावंत ने धामी को भरोसा दिलाया कि— सभी घायलों का उचित इलाज चल रहा है, मृतकों की पहचान पर तेजी से काम हो रहा है। प्रशासन को “High Alert मोड” पर रखा गया है

उन्होंने यह भी बताया कि चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है—यानी जांच की गाड़ी भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
सहायता राशि: किसे कितनी मिलेगी?
सरकारी घोषणाओं के मुताबिक—
- गोवा सरकार: मृतकों को 5-5 लाख रुपये, घायलों को 50-50 हजार
- प्रधानमंत्री राहत कोष: मृतकों को 2-2 लाख रुपये, घायलों को 50-50 हजार
कम से कम प्रशासन की तरफ से राहत की एक उम्मीद तो है।
सोशल मीडिया रिएक्शन—‘पार्टी कल्चर या सेफ्टी का मिसमैनेजमेंट?’
इंटरनेट पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं— कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि नाइट क्लबों में बेसिक फायर सेफ्टी क्यों नहीं होती,
तो कुछ कह रहे हैं—“भारत में सेफ्टी नियम बस नोटिस बोर्ड की शोभा बढ़ाते हैं।”
एक हादसा जिसने चेतावनी दी है
अरपोरा नाइट क्लब हादसा सिर्फ एक खबर नहीं—एक चेतावनी है कि मस्ती जरूरी है, पर सेफ्टी उससे भी ज्यादा। यह घटना आने वाले महीनों में भारत में नाइटक्लब और पब्लिक प्लेस सेफ्टी नियमों पर बड़ी बहस को जन्म दे सकती है।
